सैतान तो पत्थर का बूत बन गया है ,
इन्सान ही हैवान का दूत बन गया है।
यहाँ पत्थर सैतान पर नहीं इन्सानों पे मारे जाते हैं ,
फिर भी हम खुदा के नेक बन्दों में ही जाने जाते हैं।
हमें अमन में नींद नहीं आती फ़साद ही भाता है,
इंसानों पे जूते, कुरान के किस आयत में आता है ?
बंद और हड़ताल कर वतन का गर्दन ऐठे हैं ,
मजहब, जमात और जात का ठेकेदार बन बैठे हैं।
सब्र करो सैतानों जनता अभी सोई है,
नींद के कारण तुम्हारे बहकावे में खोई है।
किसी से कहलवालो बलूचिस्तान हमारा है,
तो किसी से कहलवालो कश्मीर हमारा है,
जब हुंकार कर जनता नींद से जाग जाएगी,
तुम्हारी सारी हेकड़ी फिर भाग जाएगी ।
हिन्दुकुश से हिंद महासागर तक हमारा है,
बोल उठेगी "आजाद हिंद देश" हमारा है, "आजाद हिंद देश" हमारा है, "आजाद हिंद देश" हमारा है।
- ग़ुलाम कुन्दनम,
सीटिजन ऑफ़ आजाद हिंद देश (पाकिस्तान+इंडिया+बंगलादेश)
Monday, August 16, 2010
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