

२ अक्टूबर को मेरा उपवास सफल रहा। लोगों में पर्यावरण एवं मानवाधिकार के प्रति जागरूकता आयी। मैं सुन्दरलाल बहुगुणा तथा मेघा पाटेकर की बराबरी तो नहीं कर सकता पर मेरा हौसला आप सबों के प्रोत्साहन से बढ़ा है। मैंने इस मुद्दे पर बिहार मानवाधिकार आयोग को भी लिखा है। खनन क्षेत्रों में सरकार खुद ही खनन नियमों का घोर उलंघन कर रही है। मजदूरो को काफी प्रदूषित वातावरण में कार्य करना पड़ता है। विभिन्न दुर्घटनाओं में मजदूरों की जान भी चली जाती है और उनके परिजनों को उचित मुवाबजा तक नहीं मिलता है। समाचार माध्यमों ने भी इस विषय को प्राथमिकता दी। ऑनलाइन पत्रिका ताज़ातरीन.कॉम ने भी इसे महत्त्व दिया। पत्रिका का लिंक है : http://www.tazatareen.com/?p=1221



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