About Me

My photo
A citizen of a new big country Azad Hind Desh (India + Pakistan + Bangladesh).

Thursday, October 21, 2010

ऊँची कक्षा

मंदिर मस्जिद ....... जाना गलत नहीं है; यह खुदा, भगवान् ..... को पाने के रास्ते की पहली सीढ़ी है. पर मंदिर मस्जिद.... ही जाते रहना धर्म - मज़हब... के पहली कक्षा में ही पढ़ते रहने या फेल होते रहने जैसा है. वहाँ इश्वर/ अल्लाह/ गुरु / युशु .... का शिर्फ प्रतीक होता है असल में वो तो इंसानों, प्रकृति और जीवों के बीच रहते हैं ; जैसा की हमारे कंप्यूटर पर डेस्कटॉप आइकन्स होते हैं, असली फाइल हार्ड डिस्क में होती है. प्रकृति, मानवता, जीवों की सेवा करना, सच्चाई और रहम को फैलाना ऊंची कक्षा में पढ़ने जैसा है.

No comments:

Post a Comment