-ग़ुलाम कुन्दनम,
सिटिज़न ऑफ़ आजाद हिंद देश
(पाकिस्तान+इंडिया+बंगलादेश)
A citizen of Azad Hind doesn't make difference between other people of "Azad Hind Desh" (In+Pk+Bd) on the basis of Caste, Religion, Place, State, Language or Colour.
-ग़ुलाम कुन्दनम,
सिटिज़न ऑफ़ आजाद हिंद देश
(पाकिस्तान+इंडिया+बंगलादेश)
रिक्सावाला
सब्जी ले मैडम ने रिक्से को आवाज़ लगायी,
बहन जी! पंद्रह रुपये दे देना,
मैडम बोली,
बारह रूपये ले लेना.
चालक बोला सामान इतनी सारी है,
ऊपर से आपका वजन भी तो भारी है!
मैडम जी का चेहरा तमतमाया,
बेचारा चालक सकपकाया.
चलिए मैडम जी छोड़ देता हूँ!
चौक पहुंचा दिया उसने यूँ.
मैडम बोली,
थोडा आगे मेरा अपार्टमेन्ट आता है,
रिक्शा ३ किलो मीटर अन्दर जाता है.
१० का नोट पकड़ा बोली चेंज नहीं है,
गिडगिडा कर बोला क्या ये सही है.
रिक्सावाला अपनी किस्मत पे रोता है,
मैडम का लिफ्ट आठवीं मंजिल पर होता है।
-ग़ुलाम कुन्दनम,
सिटिज़न ऑफ़ आजाद हिंद देश
(हिन्दुकुश पहाड़ी से हिंद महासागर तक)
कुछ लोग गम में पीते हैं तो कुछ लोग गम ही पीते हैं;
कुछ लोग ख़ुशी में पी कर मस्त होते हैं तो कुछ लोग ख़ुशी में ही मस्त हो जाया करते हैं;
कुछ लोग पी कर दिवाना होते हैं तो कुछ लोग दिल से दिवाने होते हैं.
मैं खास दर्जे का पीयक्कड़ हूँ और आपको भी आमंत्रित करता हूँ.
- ग़ुलाम कुन्दनम
सिटिज़न ऑफ़ आजाद हिंद देश (
ये करप्सन का खेल बहुत ही पुराना है,
इसे नेताओ ने आज़ादी के पहले से ही
लुटने के खातिर ही तो देश को तिन टुकरो में बाट दिया,
विदेशी बैंकों में न जाने कितने रुपये गांठ लिया.
हमारे पाकिस्तानी नेता बंधू तो विदेशो में ही रहते हैं,
मैयतें निकालनी होती है तो देश में कदम रखते हैं.
लहू और इज्जत तो जनता की जाती है,
नेताओ के पास मॉल की गठरी आती है.
अभी भी वक्त है सारे नेताओ को पहचान लो,
"आजाद हिंद देश" फिर से बनाने की ठान लो.
अगर हम नहीं चेते तो नेता हमें चाट जायेगे,
जाती, संप्रदाय, भाषा के नाम पर बाट खायेगे.
भुला दो उन सभी घ्रिणा को जो उनने फैलाई है,
हिन्दुकुश से हिंद महासागर तक हर कोई भाई है.
- ग़ुलाम कुन्दनम,
सीटिजन ऑफ़ आजाद हिंद देश (
I am messenger of Hazrat Muhammad Sahab, Allah send me to earth to spread their main aim "Sachai" and "Raham" which is "Inshaniyat" ; the only one "Majhab" for human beings; All other things may changed in the light of Inshaniyat. Any other things written in any books may be changed when it not follow the supreme aim of Allah "Sachai" and "Raham".
Ghulam Kundanam,
Citizen of Azad Hind (IN+PK+BD)
Email : Ghulam.kundanam@gmail.com
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