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A citizen of a new big country Azad Hind Desh (India + Pakistan + Bangladesh).

Sunday, August 15, 2010

ये करप्सन का खेल बहुत ही पुराना है,
इसे नेताओ ने आज़ादी के पहले से ही ठाना है.

लुटने के खातिर ही तो देश को तिन टुकरो में बाट दिया,
विदेशी बैंकों में न जाने कितने रुपये गांठ लिया.

हमारे पाकिस्तानी नेता बंधू तो विदेशो में ही रहते हैं,
मैयतें निकालनी होती है तो देश में कदम रखते हैं.

लहू और इज्जत तो जनता की जाती है,
नेताओ के पास मॉल की गठरी आती है.

अभी भी वक्त है सारे नेताओ को पहचान लो,
"आजाद हिंद देश" फिर से बनाने की ठान लो.

अगर हम नहीं चेते तो नेता हमें चाट जायेगे,
जाती, संप्रदाय, भाषा के नाम पर बाट खायेगे.

भुला दो उन सभी घ्रिणा को जो उनने फैलाई है,
हिन्दुकुश से हिंद महासागर तक हर कोई भाई है.

- ग़ुलाम कुन्दनम,
सीटिजन ऑफ़ आजाद हिंद देश (पाकिस्तान+इंडिया+बंगलादेश)

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