To: supremecourt@nic.in
Subject : Most Argent (Ram Janmbhumi - Babri Masjid Case).
सेवा में,
मुख्य न्यायधीश महोदय,
सर्वोच्य न्यायालय ,
नई दिल्ली।
विषय :- राम जनम भूमि - बाबरी मस्जिद विवाद के हल हेतु समाधान एवं आग्रह।
महाशय,
राम जनम भूमि - बाबरी मस्जिद का समाधान तथ्यों एवं दस्तावेजों के आधार पर निकालना उचित नहीं है। सभी दस्तावेजों एवं दलीलों से ऊपर मानवता, समाज और देश की अस्मिता को बचाने की दलील है। जमीन किसी की हो, सरकार को राष्ट्र हित में उसे अधिग्रहित कर लेना चाहिए । सड़क बनाने के लिए, रेल लाइन बिछाने के लिए किसी की निजी जमीन सरकार ले सकती है तो राष्ट्र हित में विवादित भूभाग क्यों नहीं। सरकार को भूमि अधिग्रहित करने का आदेश दिया जाना चाहिए। उक्त भूमि पर सभी धर्मों का पूजा स्थल बनाया जाना चाहिए। ऐसा करने से भेदभाव भी मिटेगा, भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा, अयोध्या एक पर्यटक स्थल हो जायेगा, विश्व के कोने कोने से सभी धर्मों के अनुयायी तीर्थाटन एवं देशाटन के लिए आयेंगे, वहाँ के निवासियों के लिए रोजगार के नए नए अवसर खुलेंगे. मतभेद न हो इसके लिए पुरे परिक्षेत्र में लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा दिया जाना चाहिए। सभी धर्म स्थलों के पुजारियों का चयन सरकार द्वारा किया जाना चाहिए, जो सभी धर्मों का सामान रूप से आदर करते हों, सर्व धर्म समभाव में विश्वास रखते हों।
थोड़े देर के लिए मुख्य न्यायधीश का अहम् छोड़ कर स्वयं मेरी तरफ से वकील के रूप में या किसी अन्य सरकारी वकील के मार्फ़त मेरा पक्ष एवं दलील न्यायालय में २४ तारिक को फैसले से पहले रखवाने की व्यवस्था करवाने का कस्ट करें या मुझे भी अपने देश हित में अपनी बात रखने का हक़ है, मुझे अपना पक्ष रखने की अनुमति प्रदान करें।
मैं अंत में भावपूर्ण अपील करता हूँ की आप हस्तछेप करें और मेरी दलील रखवाएं। इस सम्बन्ध में मैंने एक कविता अपने फेसबुक के नोट में लिखी है जो निम्नवत है :-
इंतजार क्यों करें,
की अदालत फैसला सुनाये,
राजनितिक लाभ के लिए,
नेता उसे भुनाए।
हम मिल कर ढुंढ़ लें,
समाधान,
तभी कह सकेंगे,
मेरा भारत महान।
सूरज तो अपना,
धर्म निभाएगा,
रोज की तरह,
उस दिन भी,
जरूर आयेगा।
यह बताने की तुम भी,
अपना धर्म निभाओ,
मंदिर-मस्जिद ही नहीं,
सभी धर्मो की,
ईमारत बनाओ।
दुनिया देख कर,
दंग रह जाएगी,
हज, तीर्थ करने,
अयोध्या ही आएगी।
वहां के वासी,
मालामाल हो जायेंगे,
ॐ-ओंकार-अल्लाह-गोड़,
को एक साथ पाएंगे।
अमन के साथ-साथ,
आमदनी भी होगी,
मिलकर संग खायेंगे,
मुल्ला और योगी।
किसी का कुछ भी,
नहीं तो खोगा,
क्या सुन्दर,
दृश्य होगा।
http://www.facebook.com/note.php?note_id=161565423859324
मेरा ब्लॉग है :- ghulamkundanam.blogspot.com
E mail :- ghulam.kundanam@gmail.com
Mobile no- +91 (send in original mail)
आपका विश्वासी ,
ग़ुलाम कुन्दनम।
No comments:
Post a Comment